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Showing posts from January, 2023

भगवान बुद्ध का नास्तिक दर्शन

  द ुनिया के हर धर्म में दो बातें जरूर पाई जाती हैं। ईश्वर में आस्था और आत्मा की अमरता में विश्वास। खासकर आत्मा का अमरत्व धार्मिक चेतना की विशिष्ट पहचान है। कोई मानव मरना नहीं चाहता, सभी ये उम्मीद पालते हैं की मरने के बाद भी कहीं बचे रहेंगे। और ऐसी ही दिलासा धर्म उनको देते भी हैं - की तुम्हारा पुनर्जन्म होगा, तुम वैकुंठ में वास करोगे , जन्नत मकानी बनोगे , heaven में जाओगे आदि-आदि।   लेकिन बौद्ध धर्म ऐसी कोई उम्मीद नहीं देता। मृत्यु का मतलब अंत ही होता है; जैसे किसी मोमबत्ती का बुझ जाना; अभी थे, अगले क्षण खत्म। उसके बाद कुछ नहीं। न कुछ सुनाई देगा, न कुछ महसूस होगा। और शरीर धरती में विलीन हो जाएगा। बौद्ध क्षणिकवाद ( philosophy of momentariness ) बौद्ध दर्शन एक प्रकार का क्षणिकवाद है। क्षणिकवाद? आइए इस सिद्धांत को उदाहरणों से समझें नीला आकाश देखिए- इसका नीलापन कहाँ है? अगर हम हवाई जहाज से ढूँढने जायें तो कहीं नहीं मिलेगा। नीलापन सूर्य की किरणों के बिखराव की प्रक्रिया का प्रभाव है। किरणों का बिखराव लगातार हो रहा लेकिन नीलापन हमें किसी स्थाई चीज की तरह दिखाई

महावीर जैन का दर्शन क्या है? अनेकांतवाद का एक संक्षिप्त परिचय

  नमस्कार मित्रों , स्वागत है आपका भारत की कहानी में . क ्या हो अगर आपकी बहस किसी ऐसे आदमी से हो जाए जिसकी विचारधारा ठीक आपसे विपरीत हो ? अधिकांश सभ्य लोग , ‘ चलिए आप अपनी जगह ठीक , मैं अपनी जगह’ , या ‘ let’s agree to disagree जैसी बातें बोल कर आगे बढ़ जाते हैं।   लेकिन जैन अनेकांतवाद यहीं से शुरू होता है। ‘आप अपनी जगह ठीक और मैं अपनी जगह ठीक’ कहना काफी नहीं ; चूंकि हम निकले तो सत्य की तलाश में थे। ‘ Let’s agree to disagree’ बोलने वाले प्रतिद्वंद्वी का सम्मान करने का ढोंग जरूर कर सकते हैं , लेकिन मन ही मन उनको ये विश्वास भी रहता है की सामने वाला या तो मूर्ख है या झूठ बोल रहा है। अनेकांतवादी पूछते हैं , आखिर ऐसा क्यों है की कुछ विशुद्ध मन और निःस्वार्थ लोग सत्य को एक रूप में देखते हैं और उतने ही सत्यनिष्ठ लोग दूसरे रूप में ? बड़े-बड़े ज्ञानी जो सृष्टि के रहस्य को समझने का दावा करते हैं , विपक्षी खेमे के छोटे-छोटे प्रत्यक्ष सत्यों को भी स्वीकार नहीं कर पाते . जैन अनेकांतवाद के अनुसार इसका कारण तार्किक चरमपंथ है। महावीर का अनेकांतवाद हर प्रकार के कठमुल्लापन और जड़ता को घातक मानता है