सांख्य दर्शन नमस्कार मित्रों अर्धनारीश्वर की छवि किस भारतीय ने नहीं देखी होगी. शिव और शक्ति के योग से बने अर्धनारीश्वर हमें क्या बताना चाह रहे हैं?... अधिकांश भारतीयों ने इस प्रतीक से जुड़ी पौराणिक कहानियाँ सुनी होंगी. लेकिन शायद ये जान कर वे आश्चर्य करें की इसका संबंध एक ऐसे दर्शन से है जिसका आज करीब-करीब पूरी तरह से लोप हो चुका है. हमारे धर्मग्रंथो में कहीं कहीं इस प्राचीन कालजयी दर्शन की हलकी झलक मिल जाती है. लेकिन इसके मूल सिद्धांतों से आधुनिक भारतीय तकरीबन अनभिज्ञ हैं. कालजयी इसलिए क्योंकि ये दर्शन पूरी तरह से तर्क पर आधारित है. अनुभव पुराने पड़ जाते हैं, लेकिन तर्क और गणित आधारित सिद्धांत कभी गलत नहीं होते. सांख्य दर्शन न केवल हमेशा प्रासंगिक है, बल्कि आधुनिक विज्ञान से भी मेल ख़ाता है. तो आइए इस प्राचीन दर्शन को विस्मृति के गर्भ से खोद निकालें- आज से करीब दो हज़ार साल पहले सांख्य भारत का प्रमुख दर्शन था. इतना प्राचीन की महाभारत में भी इसका जिक्र अत्यंत प्राचीन दर्शन के रूप में हुआ है. उपनिषदों में इसकी चर्चा है, वेदों में सांख्य दर्शन के तत्व घुल-मिल ग...
Inspired by Amar Chitra Katha; Backed by Solid Evidence